48 फिर मैं ने सिर झुका कर यहोवा को दण्डवत किया, और अपने स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुंचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसकी भतीजी को ले जाऊं।
49 सो अब, यदि तू मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझ से कहो: और यदि नहीं चाहते हो, तौभी मुझ से कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, वा बाईं ओर फिर जाऊं।
50 तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, यह बात यहोवा की ओर से हुई है: सो हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।
51 देख, रिबका तेरे साम्हने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, तेरे स्वामी के पुत्र की पत्नी हो जाए।
52 उनका यह वचन सुनकर, इब्राहीम के दास ने भूमि पर गिर के यहोवा को दण्डवत किया।
53 फिर उस दास ने सोने और रूपे के गहने, और वस्त्र निकाल कर रिबका को दिए: और उसके भाई और माता को भी उसने अनमोल अनमोल वस्तुएं दी।
54 तब उसने अपने संगी जनों समेत भोजन किया, और रात वहीं बिताई: और तड़के उठ कर कहा, मुझ को अपने स्वामी के पास जाने के लिये विदा करो।