12 फिर इसहाक ने उस देश में जोता बोया, और उसी वर्ष में सौ गुणा फल पाया: और यहोवा ने उसको आशीष दी।
13 और वह बढ़ा और उसकी उन्नति होती चली गई, यहां तक कि वह अति महान पुरूष हो गया।
14 जब उसके भेड़-बकरी, गाय-बैल, और बहुत से दास-दासियां हुई, तब पलिश्ती उससे डाह करने लगे।
15 सो जितने कुओं को उसके पिता इब्राहीम के दासों ने इब्राहीम के जीते जी खोदा था, उन को पलिश्तियों ने मिट्टी से भर दिया।
16 तब अबीमेलेक ने इसहाक से कहा, हमारे पास से चला जा; क्योंकि तू हम से बहुत सामर्थी हो गया है।
17 सो इसहाक वहां से चला गया, और गरार के नाले में तम्बू खड़ा करके वहां रहने लगा।
18 तब जो कुएं उसके पिता इब्राहीम के दिनों में खोदे गए थे, और इब्राहीम के मरने के पीछे पलिश्तियों ने भर दिए थे, उन को इसहाक ने फिर से खुदवाया; और उनके वे ही नाम रखे, जो उसके पिता ने रखे थे।