उत्पत्ति 37:1-6 HHBD

1 याकूब तो कनान देश में रहता था, जहां उसका पिता परदेशी हो कर रहा था।

2 और याकूब के वंश का वृत्तान्त यह है: कि यूसुफ सतरह वर्ष का हो कर भाइयों के संग भेड़-बकरियों को चराता था; और वह लड़का अपने पिता की पत्नी बिल्हा, और जिल्पा के पुत्रों के संग रहा करता था: और उनकी बुराईयों का समाचार अपने पिता के पास पहुंचाया करता था:

3 और इस्राएल अपने सब पुत्रों से बढ़के यूसुफ से प्रीति रखता था, क्योंकि वह उसके बुढ़ापे का पुत्र था: और उसने उसके लिये रंग बिरंगा अंगरखा बनवाया।

4 सो जब उसके भाईयों ने देखा, कि हमारा पिता हम सब भाइयों से अधिक उसी से प्रीति रखता है, तब वे उससे बैर करने लगे और उसके साथ ठीक तौर से बात भी नहीं करते थे।

5 और यूसुफ ने एक स्वप्न देखा, और अपने भाइयों से उसका वर्णन किया: तब वे उससे और भी द्वेष करने लगे।

6 और उसने उन से कहा, जो स्वप्न मैं ने देखा है, सो सुनो: