उत्पत्ति 38:14-20 HHBD

14 तब उसने यह सोच कर, कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा, और घूंघट डाल कर अपने को ढांप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाथ के मार्ग में है, जा बैठी:

15 जब यहूदा ने उसको देखा, उसने उसको वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुंह ढ़ापे हुए थी।

16 और वह मार्ग से उसकी ओर फिरा और उससे कहने लगा, मुझे अपने पास आने दे, (क्योंकि उसे यह मालूम न था कि वह उसकी बहू है)। और वह कहने लगी, कि यदि मैं तुझे अपने पास आने दूं, तो तू मुझे क्या देगा?

17 उसने कहा, मैं अपनी बकरियों में से बकरी का एक बच्चा तेरे पास भेज दूंगा। तब उसने कहा, भला उस के भेजने तक क्या तू हमारे पास कुछ रेहन रख जाएगा?

18 उस ने पूछा, मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊं? उस ने कहा, अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी। तब उसने उसको वे वसतुएं दे दीं, और उसके पास गया, और वह उससे गर्भवती हुई।

19 तब वह उठ कर चली गई, और अपना घूंघट उतार के अपना विधवापन का पहिरावा फिर पहिन लिया।

20 तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपने मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया, कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएं उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली।