15 और मेरी बड़ी चिल्लाहट सुनकर वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर भागा, और बाहर निकल गया।
16 और वह उसका वस्त्र उसके स्वामी के घर आने तक अपने पास रखे रही।
17 तब उसने उससे इस प्रकार की बातें कहीं, कि वह इब्री दास जिस को तू हमारे पास ले आया है, सो मुझ से हंसी करने के लिये मेरे पास आया था।
18 और जब मैं ऊंचे स्वर से चिल्ला उठी, तब वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर बाहर भाग गया।
19 अपनी पत्नी की ये बातें सुनकर, कि तेरे दास ने मुझ से ऐसा ऐसा काम किया, यूसुफ के स्वामी का कोप भड़का।
20 और यूसुफ के स्वामी ने उसको पकड़कर बन्दीगृह में, जहां राजा के कैदी बन्द थे, डलवा दिया: सो वह उस बन्दीगृह में रहने लगा।
21 पर यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर करूणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई।