उत्पत्ति 42:19-25 HHBD

19 यदि तुम सीधे मनुष्य हो, तो तुम सब भाइयों में से एक जन इस बन्दीगृह में बन्धुआ रहे; और तुम अपने घर वालों की भूख बुझाने के लिये अन्न ले जाओ।

20 और अपने छोटे भाई को मेरे पास ले आओ; इस प्रकार तुम्हारी बातें सच्ची ठहरेंगी, और तुम मार डाले न जाओगे। तब उन्होंने वैसा ही किया।

21 उन्होंने आपस में कहा, नि:स्न्देह हम अपने भाई के विषय में दोषी हैं, क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ा के बिनती की, तौभी हम ने यह देखकर, कि उसका जीवन कैसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े हैं।

22 रूबेन ने उन से कहा, क्या मैं ने तुम से न कहा था, कि लड़के के अपराधी मत बनो? परन्तु तुम ने न सुना: देखो, अब उसके लोहू का पलटा दिया जाता है।

23 यूसुफ की और उनकी बातचीत जो एक दुभाषिया के द्वारा होती थी; इस से उन को मालूम न हुआ कि वह उनकी बोली समझता है।

24 तब वह उनके पास से हटकर रोने लगा; फिर उनके पास लौटकर और उन से बातचीत करके उन में से शिमोन को छांट निकाला और उसके साम्हने बन्धुआ रखा।

25 तब यूसुफ ने आज्ञा दी, कि उनके बोरे अन्न से भरो और एक एक जन के बोरे में उसके रूपये को भी रख दो, फिर उन को मार्ग के लिये सीधा दो: सो उनके साथ ऐसा ही किया गया।