उत्पत्ति 47:7-13 HHBD

7 तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब को ले आकर फिरौन के सम्मुख खड़ा किया: और याकूब ने फिरौन को आशीर्वाद दिया।

8 तब फिरौन ने याकूब से पूछा, तेरी अवस्था कितने दिन की हुई है?

9 याकूब ने फिरौन से कहा, मैं तो एक सौ तीस वर्ष परदेशी हो कर अपना जीवन बीता चुका हूं; मेरे जीवन के दिन थोड़े और दु:ख से भरे हुए भी थे, और मेरे बापदादे परदेशी हो कर जितने दिन तक जीवित रहे उतने दिन का मैं अभी नहीं हुआ।

10 और याकूब फिरौन को आशीर्वाद देकर उसके सम्मुख से चला गया।

11 तब यूसुफ ने अपने पिता और भाइयों को बसा दिया, और फिरौन की आज्ञा के अनुसार मिस्र देश के अच्छे से अच्छे भाग में, अर्थात रामसेस नाम देश में, भूमि देकर उन को सौंप दिया।

12 और यूसुफ अपने पिता का, और अपने भाइयों का, और पिता के सारे घराने का, एक एक के बालबच्चों के घराने की गिनती के अनुसार, भोजन दिला दिलाकर उनका पालन पोषण करने लगा॥

13 और उस सारे देश में खाने को कुछ न रहा; क्योंकि अकाल बहुत भारी था, और अकाल के कारण मिस्र और कनान दोनों देश नाश हो गए।