25 इसलिये उसने कहा, कनान शापित हो: वह अपने भाई बन्धुओं के दासों का दास हो।
26 फिर उसने कहा, शेम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, और कनान शेम का दास होवे।
27 परमेश्वर येपेत के वंश को फैलाए; और वह शेम के तम्बुओं में बसे, और कनान उसका दास होवे।
28 जलप्रलय के पश्चात नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।
29 और नूह की कुल अवस्था साढ़े नौ सौ वर्ष की हुई: तत्पश्चात वह मर गया।