1 क्षयर्ष नाम राजा के दिनों में ये बातें हुईं: यह वही क्षयर्ष है, जो एक सौ सताईस प्रान्तों पर, अर्थात हिन्दुस्तान से ले कर कूश देश तक राज्य करता था।
2 उन्हीं दिनों में जब क्षयर्ष राजा अपनी उस राजगद्दी पर विराजमान था जो शूशन नाम राजगढ़ में थी।
3 वहां उसने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में अपने सब हाकिमों और कर्मचारियों की जेवनार की। फ़ारस और मादै के सेनापति और प्रान्त- प्रान्त के प्रधान और हाकिम उसके सम्मुख आ गए।
4 और वह उन्हें बहुत दिन वरन एक सौ अस्सी दिन तक अपने राजविभव का धन और अपने माहात्म्य के अनमोल पदार्थ दिखाता रहा।