एस्तेर 5:6-12 HHBD

6 जेवनार के समय जब दाखमधु पिया जाता था, तब राजा ने एस्तेर से कहा, तेरा क्या निवेदन है? वह पूरा किया जाएगा। और तू क्या मांगती है? मांग, ओर आधा राज्य तक तुझे दिया जाएगा।

7 एस्तेर ने उत्तर दिया, मेरा निवेदन और जो मैं मांगती हूँ वह यह है,

8 कि यदि राजा मुझ पर प्रसन्न है और मेरा निवेदन सुनना और जो वरदान मैं मांगूं वही देना राजा को स्वीकार हो, तो राजा और हामान कल उस जेवनार में आएं जिसे मैं उनके लिये करूंगी, और कल मैं राजा के इस वचन के अनुसार करूंगी।

9 उस दिन हामान आनन्दित ओर मन में प्रसन्न हो कर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके साम्हने न तो खड़ा हुआ, और न हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया।

10 तौभी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने मित्रों और अपनी स्त्री जेरेश को बुलवा भेजा।

11 तब हामान ने, उन से अपने धन का वैभव, और अपने लड़के-बालों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और और सब हाकिमों और अपने और सब कर्मचारियों से ऊंचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया।

12 हामान ने यह भी कहा, कि एस्तेर रानी ने भी मुझे छोड़ और किसी को राजा के संग, अपनी की हुई जेवनार में आने न दिया; और कल के लिये भी राजा के संग उसने मुझी को नेवता दिया है।