गिनती 11:21-27 HHBD

21 फिर मूसा ने कहा, जिन लोगों के बीच मैं हूं उन में से छ: लाख तो प्यादे ही हैं; और तू ने कहा है, कि मैं उन्हें इतना मांस दूंगा, कि वे महीने भर उसे खाते ही रहेंगे।

22 क्या वे सब भेड़-बकरी गाय-बैल उनके लिये मारे जाएं, कि उन को मांस मिले? वा क्या समुद्र की सब मछलियां उनके लिये इकट्ठी की जाएं, कि उन को मांस मिले?

23 यहोवा ने मूसा से कहा, क्या यहोवा का हाथ छोटा हो गया है? अब तू देखेगा, कि मेरा वचन जो मैं ने तुझ से कहा है वह पूरा होता है कि नहीं।

24 तब मूसा ने बाहर जा कर प्रजा के लोगों को यहोवा की बातें कह सुनाईं; और उनके पुरनियों में से सत्तर पुरूष इकट्ठे करके तम्बू के चारों ओर खड़े किए।

25 तब यहोवा बादल में हो कर उतरा और उसने मूसा से बातें की, और जो आत्मा उस में थी उस में से ले कर उन सत्तर पुरनियों में समवा दिया; और जब वह आत्मा उन में आई तब वे नबूवत करने लगे। परन्तु फिर और कभी न की।

26 परन्तु दो मनुष्य छावनी में रह गए थे, जिस में से एक का नाम एलदाद और दूसरे का मेदाद था, उन में भी आत्मा आई; ये भी उन्हीं में से थे जिनके नाम लिख लिये गए थे, पर तम्बू के पास न गए थे, और वे छावनी ही में नबूवत करने लगे।

27 तब किसी जवान ने दौड़ कर मूसा को बतलाया, कि एलदाद और मेदाद छावनी में नबूवत कर रहे हैं।