11 जो किसी मनुष्य की लोथ छूए वह सात दिन तक अशुद्ध रहे;
12 ऐसा मनुष्य तीसरे दिन उस जल से पाप छुड़ाकर अपने को पावन करे, और सातवें दिन शुद्ध ठहरे; परन्तु यदि वह तीसरे दिन आप को पाप छुड़ाकर पावन न करे, तो सातवें दिन शुद्ध ठहरेगा।
13 जो कोई किसी मनुष्य की लोथ छूकर पाप छुड़ाकर अपने को पावन न करे, वह यहोवा के निवासस्थान का अशुद्ध करने वाला ठहरेगा, और वह प्राणी इस्त्राएल में से नाश किया जाए; अशुद्धता से छुड़ाने वाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा, उसकी अशुद्धता उस में बची रहेगी।
14 यदि कोई मनुष्य डेरे में मर जाए तो व्यवस्था यह यह है, कि जितने उस डेरे में रहें, वा उस में जाएं, वे सब सात दिन तक अशुद्ध रहें।
15 और हर एक खुला हुआ पात्र, जिस पर कोई ढकना लगा न हो, वह अशुद्ध ठहरे।
16 और जो कोई मैदान में तलवार से मारे हुए को, वा अपनी मृत्यु से मरे हुए को, वा मनुष्य की हड्डी को, वा किसी कब्र को छूए, तो सात दिन तक अशुद्ध रहे।
17 अशुद्ध मनुष्य के लिये जलाए हुए पापबलि की राख में से कुछ ले कर पात्र में डालकर उस पर सोते का जल डाला जाए;