गिनती 20:11-17 HHBD

11 तब मूसा ने हाथ उठा कर लाठी चट्टान पर दो बार मारी; और उस में से बहुत पानी फूट निकला, और मण्डली के लोग अपने पशुओं समेत पीने लगे।

12 परन्तु मूसा और हारून से यहोवा ने कहा, तुम ने जो मुझ पर विश्वास नहीं किया, और मुझे इस्त्राएलियों की दृष्टि में पवित्र नहीं ठहराया, इसलिये तुम इस मण्डली को उस देश में पहुंचाने न पाओगे जिसे मैं ने उन्हें दिया है।

13 उस सोते का नाम मरीबा पड़ा, क्योंकि इस्त्राएलियों ने यहोवा से झगड़ा किया था, और वह उनके बीच पवित्र ठहराया गया॥

14 फिर मूसा ने कादेश से एदोम के राजा के पास दूत भेजे, कि तेरा भाई इस्त्राएल यों कहता है, कि हम पर जो जो क्लेश पड़े हैं वह तू जानता होगा;

15 अर्थात यह कि हमारे पुरखा मिस्र में गए थे, और हम मिस्र में बहुत दिन रहे; और मिस्त्रियों ने हमारे पुरखाओं के साथ और हमारे साथ भी बुरा बर्ताव किया;

16 परन्तु जब हम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने हमारी सुनी, और एक दूत को भेज कर हमें मिस्र से निकाल ले आया है; सो अब हम कादेश नगर में हैं जो तेरे सिवाने ही पर है।

17 सो हमें अपने देश में से हो कर जाने दे। हम किसी खेत वा दाख की बारी से हो कर न चलेंगे, और कूओं का पानी न पीएंगे; सड़क-सड़क हो कर चले जाएंगे, और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएं, तब तक न दाहिने न बाएं मुड़ेंगे।