गिनती 6:15-21 HHBD

15 और अखमीरी रोटियों की एक टोकरी, अर्थात तेल से सने हुए मैदे के फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी पपडिय़ां, और उन बलियों के अन्नबलि और अर्घ; ये सब चढ़ावे समीप ले जाए।

16 इन सब को याजक यहोवा के साम्हने पहुंचाकर उसके पापबलि और होमबलि को चढ़ाए,

17 और अखमीरी रोटी की टोकरी समेत मेढ़े को यहोवा के लिये मेलबलि करके, और उस मेलबलि के अन्नबलि और अर्घ को भी चढ़ाए।

18 तब नाज़ीर अपने न्यारे रहने के चिन्ह वाले सिर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मुण्डाकर अपने बालों को उस आग पर डाल दे जो मेलबलि के नीचे होगी।

19 फिर जब नाज़ीर अपने न्यारे रहने के चिन्ह वाले सिर को मुण्डा चुके तब याजक मेढ़े को पकाया हुआ कन्धा, और टोकरी में से एक अखमीरी रोटी, और एक अखमीरी पपड़ी ले कर नाज़ीर के हाथों पर धर दे,

20 और याजक इन को हिलाने की भेंट करके यहोवा के साम्हने हिलाए; हिलाई हुई छाती और उठाई हुई जांघ समेत ये भी याजक के लिये पवित्र ठहरें; इसके बाद वह नाज़ीर दाखमधु पी सकेगा।

21 नाज़ीर की मन्नत की, और जो चढ़ावा उसको अपने न्यारे होने के कारण यहोवा के लिये चढ़ाना होगा उसकी भी यही व्यवस्था है। जो चढ़ावा वह अपनी पूंजी के अनुसार चढ़ा सके, उससे अधिक जैसी मन्नत उसने मानी हो, वैसे ही अपने न्यारे रहने की व्यवस्था के अनुसार उसे करना होगा॥