6 जिस रथ में काले घोड़े हैं, वह उत्तर देश की ओर जाता है, और श्वेत घोडे उनके पीछे पीछे चले जाते हैं, और चितकबरे घोड़े दक्खिन देश की ओर जाते हैं।
7 और बादामी घोड़ों ने निकल कर चाहा कि जा कर पृथ्वी पर फेरा करें। सो दूत ने कहा, जा कर पृथ्वी पर फेरा करो। तब वे पृथ्वी पर फेरा करने लगे।
8 तब उसने मुझ से पुकार कर कहा, देख, वे जो उत्तर के देश की ओर जाते हैं, उन्होंने वहां मेरे प्राण को ठण्डा किया है॥
9 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा:
10 बंधुआई के लोगों में से, हेल्दै, तोबिय्याह और यदायाह से कुछ ले और उसी दिन तू सपन्याह के पुत्र योशियाह के घर में जा जिस से वे बाबुल से आकर उतरे हैं।
11 उनके हाथ से सोना चान्दी ले, और मुकुट बनाकर उन्हें यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक के सिर पर रख;
12 और उस से यह कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस पुरूष को देख जिस का नाम शाख है, वह अपने ही स्थान से उगकर यहोवा के मन्दिर को बनाएगा।