1 फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
2 सेनाओं का यहोवा यों कहता है: सिय्योन के लिये मुझे बड़ी जलन हुई वरन बहुत ही जलजलाहट मुझ में उत्पन्न हुई है।
3 यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम की सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
4 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, यरूशलेम के चौकों में फिर बूढ़े और बूढिय़ां बहुत आयु की होने के कारण, अपने अपने हाथ में लाठी लिए हुए बैठा करेंगी।