दानिय्येल 2:17-23 HHBD

17 तब दानिय्येल ने अपने घर जा कर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बता कर कहा,

18 इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कह कर प्रार्थना करो, कि बाबुल के और सब पण्डितों के संग दानिय्येल और उसके संगी भी नाश न किए जाएं।

19 तब वह भेद दानिय्येल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया। सो दानिय्येल ने स्वर्ग के परमेश्वर का यह कह कर धन्यवाद किया,

20 परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं।

21 समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझ वालों को समझ भी वही देता है;

22 वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है।

23 हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूं, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों न तुझ से मांगे था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है।