दानिय्येल 2:20-26 HHBD

20 परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं।

21 समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझ वालों को समझ भी वही देता है;

22 वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है।

23 हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूं, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों न तुझ से मांगे था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है।

24 तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबुल के पण्डितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जा कर कहा, बाबुल के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊंगा॥

25 तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जा कर उस से कहा, यहूदी बंधुओं में से एक पुरूष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा।

26 राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?