दानिय्येल 2:24-30 HHBD

24 तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबुल के पण्डितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जा कर कहा, बाबुल के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊंगा॥

25 तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जा कर उस से कहा, यहूदी बंधुओं में से एक पुरूष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा।

26 राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?

27 दानिय्येल ने राजा का उत्तर दिया, जो भेद राजा पूछता है, वह न तो पण्डित न तन्त्री, न ज्योतिषी, न दूसरे भावी बताने वाले राजा को बता सकते हैं,

28 परन्तु भेदों का प्रगटकर्त्ता परमेश्वर स्वर्ग में है; और उसी ने नबूकदनेस्सर राजा को जताया है कि अन्त के दिनों में क्या क्या होने वाला है। तेरा स्वपन और जो कुछ तू ने पलंग पर पड़े हुए देखा, वह यह है:

29 हे राजा, जब तुझ को पलंग पर यह विचार हुआ कि भविष्य में क्या क्या होने वाला है, तब भेदों को खोलने वाले ने तुझ को बताया, कि क्या क्या होने वाला है।

30 मुझ पर यह भेद इस कारण नहीं खोला गया कि मैं और सब प्राणियों से अधिक बुद्धिमान हूं, परन्तु केवल इसी कारण खोला गया है कि स्वपन का फल राजा को बताया जाए, और तू अपने मन के विचार समझ सके॥