11 उस समय उस सींग का बड़ा बोल सुन कर मैं देखता रहा, और देखते देखते अन्त में देखा कि वह जन्तु घात किया गया, और उसका शरीर धधकती हुई आग में भस्म किया गया।
12 और रहे हुए जन्तुओं का अधिकार ले लिया गया, परन्तु उनका प्राण कुछ समय के लिये बचाया गया।
13 मैं ने रात में स्वप्न में देखा, और देखो, मनुष्य के सन्तान सा कोई आकाश के बादलों समेत आ रहा था, और वह उस अति प्राचीन के पास पहुंचा, और उसको वे उसके समीप लाए।
14 तब उसको ऐसी प्रभुता, महिमा और राज्य दिया गया, कि देश-देश और जाति-जाति के लोग और भिन्न-भिन्न भाषा बालने वाले सब उसके आधीन हों; उसकी प्रभुता सदा तक अटल, और उसका राज्य अविनाशी ठहरा॥
15 और मुझ दानिय्येल का मन विकल हो गया, और जो कुछ मैं ने देखा था उसके कारण मैं घबरा गया।
16 तब जो लोग पास खड़े थे, उन में से एक के पास जा कर मैं ने उन सारी बातों का भेद पूछा, उस न यह कह कर मुझे उन बातों का अर्थ बताया,
17 उन चार बड़े बड़े जन्तुओं का अर्थ चार राज्य हैं, जो पृथ्वी पर उदय होंगे।