नहेमायाह 2:15-20 HHBD

15 तब मैं रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को देखता हुआ चढ़ गया; फिर घूम कर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस प्रकार लौट आया।

16 और हाकिम न जानते थे कि मैं कहां गया और क्या करता था; वरन मैं ने तब तक न तो यहूदियों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हाकिमों और न दूसरे काम करने वालों को।

17 तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।

18 फिर मैं ने उन को बतलाया, कि मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर कैसी हुई और राजा ने मुझ से क्या क्या बातें कही थीं। तब उन्होंने कहा, आओ हम कमर बान्धकर बनाने लगें। और उन्होंने इस भले काम को करने के लिये हियाव बान्ध लिया।

19 यह सुनकर होरोनी सम्बल्लत और तोबियाह नाम कर्मचारी जो अम्मोनी था, और गेशेम नाम एक अरबी, हमें ठट्ठों में उड़ाने लगे; और हमें तुच्छ जान कर कहने लगे, यह तुम क्या काम करते हो।

20 क्या तुम राजा के विरुद्ध बलवा करोगे? तब मैं ने उन को उत्तर देकर उन से कहा, स्वर्ग का परमेश्वर हमारा काम सफल करेगा, इसलिये हम उसके दास कमर बान्धकर बनाएंगे; परन्तु यरूशलेम में तुम्हारा न तो कोई भाग, न हक्क, न स्मारक है।