64 इन्होंने अपना अपना वंशावली पत्र और और वंशावली पत्रों में दूंढ़ा, परन्तु न पाया, इसलिये वे अशुद्ध ठहर कर याजकपद से निकालेगए।
65 और अधिपति ने उन से कहा, कि जब तक ऊरीम और तुम्मीम धारण करने वाला कोई याजक न उठे, तब तक तुम कोई परमपवित्र वस्तु खाने न पाओगे।
66 पूरी मणडली के लोग मिल कर बयालीस हजार तीन सौ साठ ठहरे।
67 इन को छोड़ उनके सात हजार तीन सौ सैंतीस दास-दासियां, और दो सौ पैंतालीस गाने वाले और गानेवालियां थीं।
68 उनके घोड़े सात सौ छत्तीस, ख्च्चर दो सौ पैंतालीस,
69 ऊंट चार सौ पैंतीस और गदहे छ: हजार सात सौ बीस थे।
70 और पितरों के घरानों के कई एक मुख्य पुरुषों ने काम के लिये दिया। अधिपति ने तो चन्दे में हजार दर्कमोन सोना, पचास कटोरे और पांच सौ तीस याजकों के अंगरखे दिए।