15 एदोम के अधिपति व्याकुल होंगे; मोआब के पहलवान थरथरा उठेंगे; सब कनान निवासियों के मन पिघल जाएंगें॥
16 उन में डर और घबराहट समा जाएगा; तेरी बांह के प्रताप से वे पत्थर की नाईं अबोल होंगे, जब तक, हे यहोवा, तेरी प्रजा के लोग निकल न जाएं, जब तक तेरी प्रजा के लोग जिन को तू ने मोल लिया है पार न निकल जाएं॥
17 तू उन्हें पहुचाकर अपने निज भाग वाले पहाड़ पर बसाएगा, यह वही स्थान है, हे यहोवा जिसे तू ने अपने निवास के लिये बनाया, और वही पवित्रस्थान है जिसे, हे प्रभु, तू ने आप स्थिर किया है॥
18 यहोवा सदा सर्वदा राज्य करता रहेगा॥
19 यह गीत गाने का कारण यह है, कि फिरौन के घोड़े रथों और सवारों समेत समुद्र के बीच में चले गए, और यहोवा उनके ऊपर समुद्र का जल लौटा ले आया; परन्तु इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले गए।
20 और हारून की बहिन मरियम नाम नबिया ने हाथ में डफ लिया; और सब स्त्रियां डफ लिए नाचती हुई उसके पीछे हो लीं।
21 और मरियम उनके साथ यह टेक गाती गई कि:- यहोवा का गीत गाओ, क्योंकि वह महाप्रतापी ठहरा है; घोड़ों समेत सवारों को उसने समुद्र में डाल दिया है॥