14 परन्तु यदि कोई ढिठाई से किसी पर चढ़ाई करके उसे छल से घात करे, तो उसको मार डालने के लिये मेरी वेदी के पास से भी अलग ले जाना॥
15 जो अपने पिता वा माता को मारे-पीटे वह निश्चय मार डाला जाए॥
16 जो किसी मनुष्य को चुराए, चाहे उसे ले जा कर बेच डाले, चाहे वह उसके पास पाया जाए, तो वह भी निश्चय मार डाला जाए॥
17 जो अपने पिता वा माता को श्राप दे वह भी निश्चय मार डाला जाए॥
18 यदि मनुष्य झगड़ते हों, और एक दूसरे को पत्थर वा मुक्के से ऐसा मारे कि वह मरे नहीं परन्तु बिछौने पर पड़ा रहे,
19 तो जब वह उठ कर लाठी के सहारे से बाहर चलने फिरने लगे, तब वह मारने वाला निर्दोष ठहरे; उस दशा में वह उसके पड़े रहने के समय की हानि तो भर दे, ओर उसको भला चंगा भी करा दे॥
20 यदि कोई अपने दास वा दासी को सोंटे से ऐसा मारे कि वह उसके मारने से मर जाए, तब तो उसको निश्चय दण्ड दिया जाए।