30 जब तक तू फूल फलकर देश को अपने अधिकार में न कर ले तब तक मैं उन्हें तेरे आगे से थोड़ा थोड़ा करके निकालता रहूंगा।
31 मैं लाल समुद्र से ले कर पलिश्तियों के समुद्र तक और जंगल से ले कर महानद तक के देश को तेरे वश में कर दूंगा; मैं उस देश के निवासियों भी तेरे वश में कर दूंगा, और तू उन्हें अपने साम्हने से बरबस निकालेगा।
32 तू न तो उन से वाचा बान्धना और न उनके देवताओं से।
33 वे तेरे देश में रहने न पाएं, ऐसा न हो कि वे तुझ से मेरे विरुद्ध पाप कराएं; क्योंकि यदि तू उनके देवताओं की उपासना करे, तो यह तेरे लिये फंदा बनेगा॥