4 तब मूसा ने यहोवा के सब वचन लिख दिए। और बिहान को सवेरे उठ कर पर्वत के नीचे एक वेदी और इस्त्राएल के बारहों गोत्रों के अनुसार बारह खम्भे भी बनवाए।
5 तब उसने कई इस्त्राएली जवानों को भेजा, जिन्होंने यहोवा के लिये होमबलि और बैलों के मेलबलि चढ़ाए।
6 और मूसा ने आधा लोहू तो ले कर कटारों में रखा, और आधा वेदी पर छिड़क दिया।
7 तब वाचा की पुस्तक को ले कर लोगों को पढ़ सुनाया; उसे सुनकर उन्होंने कहा, जो कुछ यहोवा ने कहा है उस सब को हम करेंगे, और उसकी आज्ञा मानेंगे।
8 तब मूसा ने लोहू को ले कर लोगों पर छिड़क दिया, और उन से कहा, देखो, यह उस वाचा का लोहू है जिसे यहोवा ने इन सब वचनों पर तुम्हारे साथ बान्धी है।
9 तब मूसा, हारून, नादाब, अबीहू और इस्त्राएलियों के सत्तर पुरनिए ऊपर गए,
10 और इस्त्राएल के परमेश्वर का दर्शन किया; और उसके चरणों के तले नीलमणि का चबूतरा सा कुछ था, जो आकाश के तुल्य ही स्वच्छ था।