निर्गमन 25:32-38 HHBD

32 और उसकी अलंगों से छ: डालियां निकलें, तीन डालियां तो दीवट की एक अलंग से और तीन डालियां उसकी दूसरी अलंग से निकली हुई हों;

33 एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गांठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो;

34 और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गांठ और फूल समेत हों;

35 और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गांठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों।

36 उनकी गांठे और डालियां, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना।

37 और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएं कि वे दीवट के साम्हने प्रकाश दें।

38 और उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों।