17 एक एक तख्ते में एक दूसरे से जोड़ी हुई दो दो चूलें हों; निवास के सब तख्तों को इसी भांति से बनवाना।
18 और निवास के लिये जो तख्ते तू बनवाएगा उन में से बीस तख्ते तो दक्खिन की ओर के लिये हों;
19 और बीसों तख्तों के नीचे चांदी की चालीस कुसिर्यां बनवाना, अर्थात एक एक तख्ते के नीचे उसके चूलों के लिये दो दो कुसिर्यां।
20 और निवास की दूसरी अलंग, अर्थात उत्तर की ओर बीस तख्ते बनवाना।
21 और उनके लिये चांदी की चालीस कुसिर्यां बनवाना, अर्थात एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हों।
22 और निवास की पिछली अलंग, अर्थात पश्चिम की ओर के लिए छः तख्ते बनवाना।
23 और पिछले अलंग में निवास के कोनों के लिये दो तख्ते बनवाना;