20 और निवास की दूसरी अलंग, अर्थात उत्तर की ओर बीस तख्ते बनवाना।
21 और उनके लिये चांदी की चालीस कुसिर्यां बनवाना, अर्थात एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हों।
22 और निवास की पिछली अलंग, अर्थात पश्चिम की ओर के लिए छः तख्ते बनवाना।
23 और पिछले अलंग में निवास के कोनों के लिये दो तख्ते बनवाना;
24 और ये नीचे से दो दो भाग के हों और दोनों भाग ऊपर के सिरे तक एक एक कड़े में मिलाये जाएं; दोनों तख्तों का यही रूप हो; ये तो दोनों कोनों के लिये हों।
25 और आठ तख्तें हों, और उनकी चांदी की सोलह कुसिर्यां हों; अर्थात एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हों।
26 फिर बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनवाना, अर्थात निवास की एक अलंग के तख्तों के लिये पांच,