निर्गमन 26:25-31 HHBD

25 और आठ तख्तें हों, और उनकी चांदी की सोलह कुसिर्यां हों; अर्थात एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हों।

26 फिर बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनवाना, अर्थात निवास की एक अलंग के तख्तों के लिये पांच,

27 और निवास की दूसरी अलंग के तख्तों के लिये पांच बेंडे, और निवास की जो अलंग पश्चिम की ओर पिछले भाग में होगी, उसके लिये पांच बेंड़े बनवाना।

28 और बीचवाला बेंड़ा जो तख्तों के मध्य में होगा वह तम्बू के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचे।

29 फिर तख्तों को सोने से मढ़वाना, और उनके कड़े जो बेंड़ों के घरों का काम देंगे उन्हें भी सोने के बनवाना; और बेड़ों को भी सोने से मढ़वाना।

30 और निवास को इस रीति खड़ा करना जैसा इस पर्वत पर तुझे दिखाया गया है॥

31 फिर नीले, बैजनी और लाल रंग के और बटी हुई सूक्ष्म सनी वाले कपड़े का एक बीचवाला पर्दा बनवाना; वह कढ़ाई के काम किये हुए करूबों के साथ बने।