16 इन में से उसने पांच पट अलग और छ: पट अलग जोड़ दिए।
17 और जहां दोनों जोड़े गए वहां की छोरों में उसने पचास पचास फलियां लगाईं।
18 और उसने तम्बू के जोड़ने के लिये पीतल की पचास घुंडियां भी बनाईं जिस से वह एक हो जाए।
19 और उसने तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेंढ़ों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर के लिये सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनाया।
20 फिर उसने निवास के लिये बबूल की लकड़ी के तख्तों को खड़े रहने के लिये बनाया।
21 एक एक तख्ते की लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हुई।
22 एक एक तख्ते में एक दूसरी से जोड़ी हुई दो दो चूलें बनीं, निवास के सब तख्तों के लिये उसने इसी भांति बनाईं।