1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन के पास जा कर कह, कि इब्रियों का परमेश्वर यहोवा तुझ से इस प्रकार कहता है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि मेरी उपासना करें।
2 और यदि तू उन्हें जाने न दे और अब भी पकड़े रहे,
3 तो सुन, तेरे जो घोड़े, गदहे, ऊंट, गाय-बैल, भेड़-बकरी आदि पशु मैदान में हैं, उन पर यहोवा का हाथ ऐसा पड़ेगा कि बहुत भारी मरी होगी।
4 और यहोवा इस्राएलियों के पशुओं में और मिस्रियों के पशुओं में ऐसा अन्तर करेगा, कि जो इस्राएलियों के हैं उन में से कोई भी न मरेगा।
5 फिर यहोवा ने यह कहकर एक समय ठहराया, कि मैं यह काम इस देश में कल करूंगा।
6 दूसरे दिन यहोवा ने ऐसा ही किया; और मिस्र के तो सब पशु मर गए, परन्तु इस्राएलियों का एक भी पशु न मरा।
7 और फिरौन ने लोगों को भेजा, पर इस्राएलियों के पशुओं में से एक भी नहीं मरा था। तौभी फिरौन का मन सुन्न हो गया, और उसने उन लोगों को जाने न दिया।