1 बुद्धिमान पुत्रा पिता की शिक्षा सुनता है, परन्तु ठट्ठा करने वाला घुड़की को भी नहीं सुनता।
2 सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।
3 जो अपने मुंह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो गाल बजाता है उसका विनाश जो जाता है।
4 आलसी का प्राण लालसा तो करता है, और उस को कुछ नहीं मिलता, परन्तु कामकाजी हृष्ट पुष्ट हो जाते हैं।
5 धर्मी झूठे वचन से बैर रखता है, परन्तु दुष्ट लज्जा का कारण और लज्जित हो जाता है।
6 धर्म खरी चाल चलने वाले की रक्षा करता है, परन्तु पापी अपनी दुष्टता के कारण उलट जाता है।
7 कोई तो धन बटोरता, परन्तु उसके पास कुछ नहीं रहता, और कोई धन उड़ा देता, तौभी उसके पास बहुत रहता है।