32 दुष्ट मनुष्य बुराई करता हुआ नाश हो जाता है, परन्तु धर्मी को मृत्यु के समय भी शरण मिलती है।
33 समझ वाले के मन में बुद्धि वास किए रहती है, परन्तु मूर्खों के अन्त:काल में जो कुछ है वह प्रगट हो जाता है।
34 जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।
35 जो कर्मचारी बुद्धि से काम करता है उस पर राजा प्रसन्न होता है, परन्तु जो लज्जा के काम करता, उस पर वह रोष करता है॥