2 जैसे गौरिया घूमते घूमते और सूपाबेनी उड़ते-उड़ते नहीं बैठती, वैसे ही व्यर्थ शाप नहीं पड़ता।
पूरा अध्याय पढ़ें नीतिवचन 26
देखें संदर्भ में नीतिवचन 26:2