नीतिवचन 7:18 HHBD

18 इसलिये अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।

पूरा अध्याय पढ़ें नीतिवचन 7

देखें संदर्भ में नीतिवचन 7:18