23 मैं सदा से वरन आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि के पहिले ही से ठहराई गई हूं।
24 जब न तो गहिरा सागर था, और न जल के सोते थे तब ही से मैं उत्पन्न हुई।
25 जब पहाड़ वा पहाड़ियां स्थिर न की गई थीं,
26 जब यहोवा ने न तो पृथ्वी और न मैदान, न जगत की धूलि के परमाणु बनाए थे, इन से पहिले मैं उत्पन्न हुई।
27 जब उस ने अकाश को स्थिर किया, तब मैं वहां थी, जब उस ने गहिरे सागर के ऊपर आकाशमण्डल ठहराया,
28 जब उस ने आकाशमण्डल को ऊपर से स्थिर किया, और गहिरे सागर के सोते फूटने लगे,
29 जब उस ने समुद्र का सिवाना ठहराया, कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन न कर सके, और जब वह पृथ्वी की नेव की डोरी लगाता था,