न्यायियों 15:1-7 HHBD

1 परन्तु कुछ दिनों बाद, गेहूं की कटनी के दिनों में, शिमशोन ने बकरी का एक बच्चा ले कर अपनी ससुराल में जा कर कहा, मैं अपनी पत्नी के पास कोठरी में जाऊंगा। परन्तु उसके ससुर ने उसे भीतर जाने से रोका।

2 और उसके ससुर ने कहा, मैं सचमुच यह जानता था कि तू उस से बैर ही रखता है, इसलिये मैं ने उसे तेरे संगी को ब्याह दिया। क्या उसकी छोटी बहिन उस से सुन्दर नहीं है? उसके बदले उसी को ब्याह ले।

3 शिमशोन ने उन लोगों से कहा, अब चाहे मैं पलिश्तियों की हानि भी करूं, तौभी उनके विषय में निर्दोष ही ठहरूंगा।

4 तब शिमशोन ने जा कर तीन सौ लोमडिय़ां पकड़ीं, और मशाल ले कर दो दो लोमडिय़ों की पूंछ एक साथ बान्धी, और उनके बीच एक एक मशाल बान्धा।

5 तब मशालों में आग लगाकर उसने लोमडिय़ों को पलिश्तियों के खड़े खेतों में छोड़ दिया; और पूलियों के ढेर वरन खड़े खेत और जलपाई की बारियां भी जल गईं।

6 तब पलिश्ती पूछने लगे, यह किस ने किया है? लोगों ने कहा, उस तिम्नी के दामाद शिमशोन ने यह इसलिये किया, कि उसके ससुर ने उसकी पत्नी उसे संगी को ब्याह दी। तब पलिश्तियों ने जा कर उस पत्नी और उसके पिता दोनों को आग में जला दिया।

7 शिमशोन ने उन से कहा, तुम जो ऐसा काम करते हो, इसलिये मैं तुम से पलटा ले कर ही चुप रहूंगा।