न्यायियों 15:11-17 HHBD

11 तब तीन हजार यहूदी पुरूष ऐताम नाम चट्टान की दरार में जा कर शिमशोन से कहने लगे, क्या तू नहीं जानता कि पलिश्ती हम पर प्रभुता करते हैं? फिर तू ने हम से ऐसा क्यों किया है? उसने उन से कहा, जैसा उन्होंने मुझ से किया था, वैसा ही मैं ने भी उन से किया है।

12 उन्होंने उस से कहा, हम तुझे बान्धकर पलिश्तियों के हाथ में कर देने के लिये आए हैं। शिमशोन ने उन से कहा, मुझ से यह शपथ खाओ कि तुम मुझ पर प्रहार न करोगे।

13 उन्होंने कहा, ऐसा न होगा; हम तुझे कसकर उनके हाथ में कर देंगे; परन्तु तुझे किसी रीति मार न डालेंगे। तब वे उसको दो नई रस्सियों बान्धकर उस चट्टान पर ले गए।

14 वह लही तक आ गया था, कि पलिश्ती उसको देखकर ललकारने लगे; तब यहोवा का आत्मा उस पर बल से उतरा, और उसकी बांहों की रस्सियां आग में जले हुए सन के समान हो गईं, और उसके हाथों के बन्धन मानों गलकर टूट पड़े।

15 तब उसको गदहे के जबड़े की एक नई हड्डी मिली, और उसने हाथ बढ़ा उसे ले कर एक हजार पुरूषों को मार डाला।

16 तब शिमशोन ने कहा, गदहे के जबड़े की हड्डी से ढेर के ढेर लग गए, गदहे के जबड़े की हड्डी ही से मैं ने हजार पुरूषों को मार डाला॥

17 जब वह ऐसा कह चुका, तब उसने जबड़े की हड्डी फेंक दी और उस स्थान का नाम रामत-लही रखा गया।