न्यायियों 16:28-31 HHBD

28 तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, कि हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आंखों का एक ही पलटा लूं।

29 तब शिमशोन ने उन दोनों बीच वाले खम्भों को जिन से घर सम्भला हुआ था पकड़कर एक पर तो दाहिने हाथ से और दूसरे पर बाएं हाथ से बल लगा दिया।

30 और शिमशोन ने कहा, पलिश्तियों के संग मेरा प्राण भी जाए। और वह अपना सारा बल लगाकर झुका; तब वह घर सब सरदारों और उस में से सारे लोगों पर गिर पड़ा। सो जिन को उसने मरते समय मार डाला वे उन से भी अधिक थे जिन्हें उसने अपने जीवन में मार डाला था।

31 तब उसके भाई और उसके पिता के सारे घराने के लोग आए, और उसे उठा कर ले गए, और सोरा और एशताओल के मध्य अपने पिता मानोह की कबर में मिट्टी दी। उसने इस्राएल का न्याय बीस वर्ष तक किया था।