न्यायियों 2:18-23 HHBD

18 और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करने वालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।

19 परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।

20 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और उसने कहा, इस जाति ने उस वाचा को जो मैं ने उनके पूर्वजों से बान्धी थी तोड़ दिया, और मेरी बात नहीं मानी,

21 इस कारण जिन जातियों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उन में से मैं अब किसी को उनके साम्हने से न निकालूंगा;

22 जिस से उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूं, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।

23 इसलिये यहोवा ने उन जातियों को एकाएक न निकाला, वरन रहने दिया, और उसने उन्हें यहोशू के हाथ में भी उन को न सौंपा था॥