24 तब दूसरे दिन इस्राएली बिन्यामीनियों के निकट पहुंचे।
25 तब बिन्यामीनियों ने दूसरे दिन उनका साम्हना करने को गिबा से निकलकर फिर अठारह हजार इस्राएली पुरूषों को मार के, जो सब के सब तलवार चलाने वाले थे, मिट्टी में मिला दिया।
26 तब सब इस्राएली, वरन सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के साम्हने बैठे रहे, और उस दिन सांझ तक उपवास किए रहे, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
27 और इस्राएलियों ने यहोवा से सलाह ली (उस समय तो परमेश्वर का वाचा का सन्दूक वहीं था,
28 और पीनहास, जो हारून का पोता, और एलीआजर का पुत्र था उन दिनों में उसके साम्हने हाजिर रहा करता था।) उन्होंने पूछा, क्या मैं एक और बार अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को निकल जाऊं, वा उन को छोड़ूं? यहोवा ने कहा, चढ़ाई कर; क्योंकि कल मैं उन को तेरे हाथ में कर दूंगा।
29 तब इस्राएलियों ने गिबा के चारों ओर लोगों को घात में बैठाया।
30 तीसरे दिन इस्राएलियों ने बिन्यामीनियों पर फिर चढ़ाई की, और पहिले की नाईं गिबा के विरुद्ध पांति बान्धी।