न्यायियों 5:2-8 HHBD

2 कि इस्राएल के अगुवों ने जो अगुवाई की और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई, इसके लिये यहोवा को धन्य कहो!

3 हे राजाओ, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ, मैं आप यहोवा के लिये गीत गाऊंगी; इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूंगी॥

4 हे यहोवा, जब तू सेईर से निकल चला, जब तू ने एदोम के देश से प्रस्थान किया, तब पृथ्वी डोल उठी, और आकाश टूट पड़ा, बादल से भी जल बरसने लगा॥

5 यहोवा के प्रताप से पहाड़, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के प्रताप से वह सीनै पिघलकर बहने लगा।

6 अनात के पुत्र शमगर के दिनों में, और याएल के दिनों में सड़कें सूनी पड़ी थीं, और बटोही पगदंडियों से चलते थे॥

7 जब तक मैं दबोरा न उठी, जब तक मैं इस्राएल में माता हो कर न उठी, तब तक गांव सूने पड़े थे॥

8 नये नये देवता माने गए, उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी। क्या चालीस हजार इस्राएलियों में भी ढ़ाल वा बर्छी कहीं देखने में आती थी?