न्यायियों 9:29-35 HHBD

29 और यह प्रजा मेरे वश में होती हो क्या ही भला होता! तब तो मैं अबीमेलेक को दूर करता। फिर उसने अबीमेलेक से कहा, अपनी सेना की गिनती बढ़ाकर निकल आ।

30 एबेद के पुत्र गाल की वे बातें सुनकर नगर के हाकिम जबूल का क्रोध भड़क उठा।

31 और उसने अबीमेलेक के पास छिपके दूतों से कहला भेजा, कि एबेद का पुत्र गाल और उसके भाई शकेम में आके नगर वालों को तेरा विरोध करने को उसका रहे हैं।

32 इसलिये तू अपने संग वालों समेत रात को उठ कर मैदान में घात लगा।

33 फिर बिहान को सवेरे सूर्य के निकलते ही उठ कर इस नगर पर चढ़ाई करना; और जब वह अपने संग वालों समेत तेरा साम्हना करने को निकले तब जो तुझ से बन पड़े वही उस से करना॥

34 तब अबीमेलेक और उसके संग के सब लोग रात को उठ चार झुण्ड बान्धकर शकेम के विरुद्ध घात में बैठ गए।

35 और एबेद का पुत्र गाल बाहर जा कर नगर के फाटक में खड़ा हुआ; तब अबीमेलेक और उसके संगी घात छोड़कर उठ खड़े हुए।