31 और उसने अबीमेलेक के पास छिपके दूतों से कहला भेजा, कि एबेद का पुत्र गाल और उसके भाई शकेम में आके नगर वालों को तेरा विरोध करने को उसका रहे हैं।
32 इसलिये तू अपने संग वालों समेत रात को उठ कर मैदान में घात लगा।
33 फिर बिहान को सवेरे सूर्य के निकलते ही उठ कर इस नगर पर चढ़ाई करना; और जब वह अपने संग वालों समेत तेरा साम्हना करने को निकले तब जो तुझ से बन पड़े वही उस से करना॥
34 तब अबीमेलेक और उसके संग के सब लोग रात को उठ चार झुण्ड बान्धकर शकेम के विरुद्ध घात में बैठ गए।
35 और एबेद का पुत्र गाल बाहर जा कर नगर के फाटक में खड़ा हुआ; तब अबीमेलेक और उसके संगी घात छोड़कर उठ खड़े हुए।
36 उन लोगों को देखकर गाल जबूल से कहने लगा, देख, पहाड़ों की चोटियों पर से लोग उतरे आते हैं! जबूल ने उस से कहा, वह तो पहाड़ों की छाया है जो तुझे मनुष्यों के समान देख पड़ती है।
37 गाल ने फिर कहा, देख, लोग देश के बीचोंबीच हो कर उतरे आते हैं, और एक झुण्ड मोननीम नाम बांज वृक्ष के मार्ग से चला आता है।