भजन संहिता 106:6-12 HHBD

6 हम ने तो अपने पुरखाओं की नाईं पाप किया है; हम ने कुटिलता की, हम ने दुष्टता की है!

7 मिस्त्र में हमारे पुरखाओं ने तेरे आश्चर्यकर्मों पर मन नहीं लगाया, न तेरी अपार करूणा को स्मरण रखा; उन्होंने समुद्र के तीर पर, अर्थात लाल समुद्र के तीर पर बलवा किया।

8 तौभी उसने अपने नाम के निमित्त उनका उद्धार किया, जिस से वह अपने पराक्रम को प्रगट करे।

9 तब उसने लाल समुद्र को घुड़का और वह सूख गया; और वह उन्हें गहिरे जल के बीच से मानों जंगल में से निकाल ले गया।

10 उसने उन्हें बैरी के हाथ से उबारा, और शत्रु के हाथ से छुड़ा लिया।

11 और उन के द्रोही जल में डूब गए; उन में से एक भी न बचा।

12 तब उन्हों ने उसके वचनों का विश्वास किया; और उसकी स्तुति गाने लगे॥