1 क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!
2 क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
3 फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।
4 तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं।