भजन संहिता 18:13-19 HHBD

13 तब यहोवा आकाश में गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई, ओले ओर अंगारे॥

14 उसने अपने तीर चला चलाकर उन को तितर बितर किया; वरन बिजलियां गिरा गिराकर उन को परास्त किया।

15 तब जल के नाले देख पड़े, और जगत की नेवें प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से हुआ॥

16 उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया।

17 उसने मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मुझे छुड़ाया; क्योंकि वे अधिक सामर्थी थे।

18 मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पड़े। परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था।

19 और उसने मुझे निकाल कर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था।