भजन संहिता 18:34-40 HHBD

34 वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, इसलिये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है।

35 तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दाहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है।

36 तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।

37 मैं अपने शत्रुओं का पीछा करके उन्हें पकड़ लूंगा; और जब तक उनका अन्त न करूं तब तक न लौटूंगा।

38 मैं उन्हें ऐसा बेधूंगा कि वे उठ न सकेंगे; वे मेरे पांवों के नीचे गिर पड़ेंगे।

39 क्योंकि तू ने युद्ध के लिये मेरी कमर में शक्ति का पटुका बान्धा है; और मेरे विरोधियों को मेरे सम्मुख नीचा कर दिया।

40 तू ने मेरे शत्रुओं की पीठ मेरी ओर फेर दी, ताकि मैं उन को काट डालूं जो मुझ से द्वेष रखते हैं।