भजन संहिता 35:17-23 HHBD

17 हे प्रभु तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिस में उन्होंने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिंहों से मेरे प्राण को बचा ले!

18 मैं बड़ी सभा में तेरा धन्यवाद करूंगा; बहुतेरे लोगों के बीच में तेरी स्तुति करूंगा॥

19 मेरे झूठ बोलने वाले शत्रु मेरे विरुद्ध आनन्द न करने पाएं, जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे आपस में नैन से सैन न करने पांए।

20 क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरुद्ध छल की कल्पनाएं करते हैं।

21 और उन्होंने मेरे विरुद्ध मुंह पसार के कहा; आहा, आहा, हम ने अपनी आंखों से देखा है!

22 हे यहोवा, तू ने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझ से दूर न रह!

23 उठ, मेरे न्याय के लिये जाग, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे प्रभु, मेरे मुकद्दमा निपटाने के लिये आ!